मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन : वकालत से सियासत तक (जो चुप रहेगी ज़ुबान खंजर, लहू पुकारेगा आस्तीं का…)
मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन उन चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होने अपने परिवार के विरुद्ध जा कर अंग्रेज़ों की मुख़ालफ़त की, मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन की पैदाइश सन […]
मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन उन चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होने अपने परिवार के विरुद्ध जा कर अंग्रेज़ों की मुख़ालफ़त की, मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन की पैदाइश सन […]
Md Umar Ashraf 10 नवंबर 1871 को बकसर ज़िले के चौंगाईं प्रखण्ड के मुरार गांव में एक इज़्ज़तदार कायस्थ परिवार मे पैदा हुए डॉ […]
सैयद अब्दुल अज़ीज़ का जन्म 1885 में पटना में नज़दीक प्रसिद्ध नेओरा गाँव में हुआ था, जो उनका ननिहाल था। उनका ननिहाल राजनीतिज्ञ , […]
पटना हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस रह चुके सैयद जाफ़र इमाम का जन्म 18 अप्रैल 1900 को पटना ज़िला के नेउरा गांव में हुआ। सैयद जाफ़र […]
प्यूष मिश्र आज सोशल मीडिया में जिन्ना का जिन्न ट्रेंड कर रहा है और मैं आपसे बिहार के पहले मुख्यमंत्री(प्रीमियर) मो. युनूस का जिक्र करना […]
24 दिसंबर 1880 को बिहार के जहानाबाद ज़िले के पाली गांव मे पैदा हुए सर सैयद सुलतान अहमद भारत के उन चुनिन्दा वकीलों मे से […]
सैयद अब्दुल अज़ीज़ का जन्म 1885 में पटना में नज़दीक प्रसिद्ध नेओरा गाँव में हुआ था, जो उनका ननिहाल था। उनका ननिहाल राजनीतिज्ञ , कानूनविद […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]