Education Opinion

महाद्वीपों और सदियों को जोड़ता हुआ इतिहासकार: संजय सुब्रमण्यम

Shubhneet Kaushik आरंभिक आधुनिकता (अर्ली मॉडर्निटी) के इतिहासकार संजय सुब्रमण्यम ‘सम्बद्ध इतिहास’ के पैरोकार रहे हैं, जिसे वे ‘कनेक्टेड हिस्ट्रीज़’ का दर्जा देते हैं। मूलतः […]

Opinion

अतीत के सुराग तलाशता इतिहासकार : कार्लो गिंजबर्ग

Shubhneet Kaushik दिग्गज इतालवी इतिहासकार कार्लो गिंजबर्ग कुछ दिनों के लिए भारत आए हुए हैं। कार्लो गिंजबर्ग के कृतित्व से मेरा परिचय बीएचयू में इतिहास […]

Freedom Movement Review

चौरी चौरा : इतिहास और स्मृति के गलियारे से

Shubhneet Kaushik इतिहासकार शाहिद अमीन की किताब ‘इवैंट, मेटाफर, मेमोरी चौरी चौरा 1922-1992’, महज़ असहयोग आंदोलन के दौरान 1922 में चौरी चौरा में थाने को […]

Opinion

जब गोडसे ने रोते हुए तीन बार कहा “महात्मा, महात्मा, महात्मा गाँधी”

हफ़ीज़ किदवई अर्रे मुझसे छुप क्यों रहे हो, मेरे करीब आओ, मेरे पास बैठो। तुमने मुझे गोली मारी, मुझे ज़रा भी दुःख नही। तुम मुझसे […]

Leader Opinion

एक गिरजाघर में पादरी का काम सीखने गये जॉर्ज फ़र्नान्डिस ने जिस प्रकार से संघर्ष करके स्वयं को भारतीय राजनीति में स्थापित किया ऐसे उदाहरण बहुत ही कम मिलते है।

Tarique Anwar Champarni आज की युवा पीढ़ी की राजनीतिक विमर्श राजीव गाँधी के पुत्र राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी की पुत्री प्रियंका गाँधी, मुलायम सिंह के […]

Freedom Fighter Freedom Movement Opinion

सुभाष-स्मृति : ‘नेताजी रिसर्च ब्यूरो’ और शिशिर बोस

Shubhneet Kaushik कल जब हम नेताजी सुभाषचंद्र बोस को उनकी जयंती पर याद करें, तो हमें शिशिर कुमार बोस और उनके द्वारा स्थापित ‘नेताजी रिसर्च […]

Entertainment Review

स्मृतियों के श्वेत-श्याम पटल पर जीवन का कोलाज रचती फ़िल्म : ‘रोमा’

Shubhneet Kaushik फ़िल्म ‘रोमा’ सत्तर के दशक के मेक्सिकन समाज की कहानी है। यह मेक्सिको, ‘रोमा’ के निर्देशक अल्फोंसो कुआरोन के बचपन का मेक्सिको है, […]

Historical Event Leader Opinion

मार्टिन लूथर किंग की भारत यात्रा (फरवरी-मार्च 1959)

Shubhneet Kaushik मार्टिन लूथर किंग ने 1958 में अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांत के प्रति अपने लगाव और जुड़ाव की चर्चा करते हुए एक लेख […]

Opinion Review

कैलेंडर के इस झोल पर क्या कभी आपने ग़ौर किया है।

दुनिया में बहुत सारे कैलेंडर, लगभग हर क़ौम और हर बड़े मज़हब का अपना अपना कैलेंडर है, मुसलमानों का अपना कैलेंडर है जिसे हिजरी कैलेंडर […]

Review

श्रद्धांजलि : इतिहासकार मुशीरुल हसन का निधन

Shubhneet Kaushik आधुनिक भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार मुशीरुल हसन का आज 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 15 अगस्त 1949 को जन्मे मुशीरुल […]

Historical Event Review

बाबरी विध्वंस: राष्ट्रीय शोक दिवस, आडवाणी की गिरफ़्तारी व लालू की धर्मनिरपेक्ष राजनीति की प्रासंगिकता

जयन्त जिज्ञासु पिछले कुछेक बरसों में इस देश की साझा विरासत को जिस तरह कुचला गया है, दंगाई माहौल में जिस तरह लोगों को झोंका […]

Review

हिन्दुस्तान की जंग ए आज़ादी के अज़ीम रहनुमा मौलाना शौकत अली हैं इस जगह दफ़न

  पिछले दिनो दिल्ली के जामा मस्जिद के पास मौजूद मौलाना आज़ाद के मज़ार पर हाज़री देने का मौक़ा मिला। वहीं पर एक साहब ने […]

Opinion

अगर नेहरु की रखी नींव की बात करेंगे तो डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया से बड़ी किताब लिख जाएगी।

  Hafeez Kidwai एक इंसान जिसकी ज़िन्दगी पर, उसके रहन सहन पर, उसके अंदाज़ पर हमेशा सवाल किये गए। उसकी बहुत सी खूबियों को दरकिनार […]

Opinion

महादेवी के जवाहर भाई

  Shubhneet Kaushik महादेवी वर्मा द्वारा लिखे गए रेखाचित्र और संस्मरण भारतीय साहित्य की धरोहर हैं। उनका एक ऐसा ही संस्मरण है जवाहरलाल नेहरू के […]

Review

इतिहासकार और हमारे शिक्षक : एम.एस.एस.पांडियन को याद करते हुए

Shubhneet Kaushik आज से चार साल पहले, 10 नवंबर, 2014 की शाम इतिहासकार एम.एस.एस. पांडियन का हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। अकादमिक दुनिया […]

Opinion

मौलाना आज़ाद और चाय की चुसकियाँ

Shubhneet Kaushik आज मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (1888-1958) की 130वीं जयंती है। आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री रहे मौलाना आज़ाद के जन्मदिन (11 नवंबर) […]

Poet Review

हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया और अल्लामा मुहम्मद इक़बाल

  मोहम्मद इक़बाल का हजरत निजामुद्दीन औलिया को लेकर गहरा अकीदा था। वे जब भी दिल्ली आए तो हजरत निजामउदीन की दरगाह में अवश्य हाजिरी […]

Opinion

सज्जाद ज़हीर : बाबा ए हिंदुस्तानी तरक्की पसंद तहरीक

  अशोक कुमार पांडे ग़ुलाम हिंदुस्तान के एक रईस ख़ानदान में पैदा होना उनकी च्वायस नहीं थी। जब च्वायस करने लायक़ हुए तो चुनी उन्होंने […]

Freedom Fighter Freedom Movement Opinion

अंग्रेजों को बैन करनी पड़ी थी बहादुर शाह ज़फ़र की लिखी ये ग़ज़ल

निर्वासन के दौरान ही बहादुर शाह ज़फ़र ( Bahadur Shah Zafar ) ने एक ग़ज़ल लिखी थी ये इतनी मशहूर हुई कि अंग्रेजों को उस पर भी प्रतिबंध लगाना पड़ा था.

Opinion

महात्मा गांधी और आज़ाद हिन्द फ़ौज

    Shubhneet Kaushik 1945-46 में जब आज़ाद हिन्द फौज के अधिकारियों पर दिल्ली में मुक़दमा चल रहा था, उसी दौरान अप्रैल 1946 में आज़ाद […]