कर्ज़न रीडिंग रूम : ख़ान बहादुर ख़ुदाबख़्श ख़ान की आख़री निशानी
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]
दसवीं की हिंदी की किताब में जगदीश चंद्र माथुर का एक पाठ पढ़ना होता था। शीर्षक था-‘एक जन्मजात चक्रवर्ती’। इस शीर्षक से किसी को एतराज […]
डॉक्टर मुहम्मद इसहाक़ आबाई तौर पर बिहार के आरा के रहने वाले थे। उनके वालिद का नाम अब्दुर रहीम था, जो तेजारत केसिलसिले में कलकत्ता […]
युरोपियन लोगों ने बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में एक युरोपियन क्लब 1885 में क़ायम किया, जिसमें किसी भी भारतीय का दाख़िल होना मना था। तब 1912 […]
इस साल मुहर्रम और अगस्त का महीना एक साथ पड़ा है। एक तरफ़ जहां भारत की आज़ादी का जशन मनाया जा रहा, वहीं दूसरी […]
ये कहानी है धनबाद के दो सबसे बड़े और प्रसिद्ध उद्योगपतियों की जो अपने सगे भाई भी थे। ये कहानी है सफ़लता की चोटी पर […]
1918 में अली अशरफ़ की पैदाइश जिस वक़्त हुई, उस वक़्त रूस में क्रांति हो चुकी थी, और उसका असर दुनिया में दिखने लगा […]
जमील मज़हरी का असल नाम सैयद काज़िम अली था। वालिद का नाम ख़ुर्शीद हसनैन था। उनकी पैदाइश सितम्बर 1904 को पटना के मुग़लपूरा में […]
बांकीपुर में संपन्न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 27 वें अधिवेशन ने बिहार के राजनैतिक जीवन में उथल-पुथल मचा दी और बिहार का बंगाल से […]
सन् 1846 ईस्वी के पूर्व बिहार में कहीं भी मुद्रणालय की नींव नहीं पड़ी थी। बैप्टिस्ट मिशन के अधिकारियों ने उत्तर-बिहार के अंचलों में […]
एहसान हसन खां एहसान–इतिहास के पन्नों से बिहार की धरती, सदियों से शिक्षा, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में समृद्ध रही है। यहाँ की मिट्टी […]
ज़फ़र हमीदी का असल नाम मुहम्मद सादउल्लाह हमीदी था। इनका जन्म 26 अगस्त 1926 को बिहार के सीतामढ़ी ज़िला के गड़हौल शरीफ़ में हुआ था। […]
असलम आज़ाद का जन्म बिहार के सीतामढ़ी ज़िला के मौलानगर में 12 दिसंबर 1946 को हुआ था। वालिद का नाम मुहम्मद अब्बास था। शुरुआती […]
ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1815 से अपने आधिपत्य के प्रदेशों की विस्तृत जानकारी के लिए गज़ेटियर की एक श्रृंखला का प्रकाशन शुरू किया था। […]
बेगम अज़ीज़ा फ़ातिमा इमाम का जन्म 20 फ़रवरी 1924 को पटना में हुआ था। उन्हें अज़ीज़ा इमाम के नाम से ही जाना गया। उनके वालिद […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]