डॉक्टर मुहम्मद इसहाक़ – विज्ञान का वो छात्र जिसने भारत में फ़ारसी भाषा को ज़िंदा कर दिया।
डॉक्टर मुहम्मद इसहाक़ आबाई तौर पर बिहार के आरा के रहने वाले थे। उनके वालिद का नाम अब्दुर रहीम था, जो तेजारत केसिलसिले में कलकत्ता […]
डॉक्टर मुहम्मद इसहाक़ आबाई तौर पर बिहार के आरा के रहने वाले थे। उनके वालिद का नाम अब्दुर रहीम था, जो तेजारत केसिलसिले में कलकत्ता […]
सन् 1846 ईस्वी के पूर्व बिहार में कहीं भी मुद्रणालय की नींव नहीं पड़ी थी। बैप्टिस्ट मिशन के अधिकारियों ने उत्तर-बिहार के अंचलों में […]
द्वारका हाई स्कूल, मुज़फ़्फ़रपुर में सोहैल अज़ीमाबादी ने 9वीं में दख़ला करवाया गया, वहीं से 1930 में उन्होंने मैट्रिक का एग्ज़ाम दिया, पर मैथ […]
Shubhneet Kaushik “मैला आँचल” के अप्रतिम रचनाकार रेणु को याद करते हुए आज “मैला आँचल” और “परती परिकथा” सरीखी कालजयी कृतियों के रचयिता फणीश्वर […]
Shubhneet Kaushik हिंदी के अप्रतिम आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह (1927-2019) का कल देर रात निधन हो गया। ‘वाद-विवाद-संवाद’ के पुरोधा और वाचिक परंपरा के […]
Jayant Jigyasu ओजस्वी आलोचक नामवर सिंह जी को रुबरू बस एक बार सुना था डीयु में रामविलास शर्मा की जन्मशती पर। उनके कहने का अपना […]
Shubhneet Kaushik वर्ष 1948 में भोजपुरी सम्मेलन का आयोजन बलिया में हुआ, जिसकी अध्यक्षता महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने की। 4 अप्रैल 1948 को आयोजित हुए […]
कई सालों पहले, समाजशास्त्री त्रिलोकी नारायण पाण्डेय ने मुझसे एक घटना का ज़िक्र किया था, जो जवाहरलाल नेहरू और हिंदी के प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी […]
Shubhneet Kaushik खुद क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े रहे और ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के सदस्य रहे जयचंद्र विद्यालंकार लाहौर के नेशनल कॉलेज में भगत सिंह और […]
Md Umar Ashraf 13 अप्रील 1894 को बिहार के शेख़पुरा में पैदा हुए हकीम मुहम्मद कबीरउद्दीन साहेब का शुमार हिन्दुस्तान के उन चुनिंदा हकीमों में […]
एंग्लो-इंडियन ट्रैवलर, सर्जन और उद्यमी शेख दीन मोहम्मद जिन्होंने यूरोप में भारतीय व्यंजन और शैम्पू की शुरुआत की थी, गूगल-डूडल उन्हें याद कर रहा है. […]
प्रेमचंद की रचना की भाषा किसान-चेतना और संघर्ष की भाषा है। उन्हें समझौते की भाषा में तनिक विश्वास न था। वे आन्दोलन के दौर […]
हफ़ीज़ किदवई मंटो तुम कितने बदतमीज़ हो। कैसी कैसी कहानिया लिखते हो। ख़ैर छोड़ो, चलो लिखा करो। पढ़कर मज़ा आता है। कितना मज़ा आता […]
मुहम्मद दानिश 4 मार्च 1921 को देशज अस्मिता और लोकजीवन के महान रचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म औराही हिंगना,अररिया बिहार में हुआ था। ‘मैला आँचल’, […]
12 अप्रील 1954 को दिल्ली में हनीफ़ और क़मर आज़ाद हाशमी के घर पैद हुए सफ़दर हाशमी एक मार्क्सवादी नाटककार, कलाकार, निर्देशक, गीतकार और कलाविद […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]