भारत के महान आणविक जीव वैज्ञानिक ओबैद सिद्दीक़ी का जन्म वर्ष 1932 में 7 जनवरी को उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िला में हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हासिल की और वहीं से मास्टर इंस साईंस किया और उन्होने पी.एच.डी की डिग्री ग्लासगो विश्वविद्यालय से प्राप्त की। होमी जहांगीर भाभा ने 1962 में उन्हे टाटा इंस्टिट्यूट आफ़ फ़ंडामेंटल रिसर्च मुम्बई में आणविक जीव युनिट स्थापित करने की दावत दी; और तीस साल बाद वो वह वर्ष 1992 में टाटा इंस्टिट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च, बंगलूरू के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च के संस्थापक निदेशक बने थे।
भारत के महान आणविक जीव वैज्ञानिक ओबैद सिद्दीक़ी को कई पुस्कारों से सम्मानित किया गया था, जिनमें पद्म भूषण(1984), पद्म विभूषण(2006), बीसी रॉय अवार्ड और फिरोदिया पुरस्कार सहीत दर्जनों पुरस्कार शामिल हैं। वह देश के सर्वाधिक विख्यात वैज्ञानिकों में से एक थे इसलिए उन्होंने भारत और विदेश में कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ाया, जिसमें येल विश्वविद्यालय, कैंब्रीज विश्वविद्यालय अदी प्रमुख है। प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने प्रोफ़ेसर ओबैद सिद्दीक़ी को परमाणु ऊर्जा विभाग के आजीवन उपलब्धि पुरस्कार (लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार) 2009 से 29 मार्च 2011 को सम्मानित किया था।
81 वर्ष के उम्र में टाटा इंस्टिट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च, बंगलूरू के नेशनल सेंटर फ़ॉर बायोलॉजिकल रिसर्च में राष्ट्रीय अनुसंधान के निदेशक प्रोफ़ेसर ओबैद सिद्दीक़ी का बंगलूरू में 21 जुलाई 2013 को हुए एक सड़क दुर्घटना काफ़ी चोट पहुंचा और 26 जुलाई 2013 को उनका निधन हो गया। जीव-वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर ओबैद सिद्दिकी के इंतक़ाल पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उस समय के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने शोक सन्देश जारी कर कहा था कि ”डा. ओबैद सिद्दीक़ी के देहान्त की ख़बर सुनकर मुझे अत्यंत दुख हुआ है। वे भारत के जाने-माने आणविक जीव-विज्ञानियों में से एक थे। डा. सिद्दीक़ी को उनके अनुसंधान कार्यों के लिए लम्बे समय तक याद किया जायेगा। डा. सिद्दीक़ी वैज्ञानिकों की उस पीढ़ी से सम्बद्ध रहे हैं, जिसने देश के वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयासों की नींव रखी। महान अनुसंधाता, शिक्षाविद् और एक नेक दिल इंसान के रूप में उनके मित्रों और सहयोगियों को उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। मैं उनकी मृत्यु पर गहन संवेदना व्यक्त करता हूं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।”
डॉ ओबैद सिद्दीक़ी की चार औलाद हैं जिसमें दो बेटी युमना और दीबा हैं, वहीं दो बेटे इमरान सिद्दीक़ी और कलीम सिद्दीक़ी हैं। जिसमें इमरान ख़ुद बोटनी के एक वैज्ञानिक हैं, जिनका जन्म 5 सितम्बर 1957 को हुआ।