आख़िर जालियांवाला बाग़ क़त्ल ए आम ही अंग्रेज़ों के ज़ुल्म की सबसे बड़ी निशानी क्युं बनी?
Md Umar Ashraf आजके रोज़ ही 1919 को जालियांवाला बाग़ में क़त्ल ए आम हुआ था। सैंकड़ो की तादाद में लोग क़त्ल कर दिये गए […]
Md Umar Ashraf आजके रोज़ ही 1919 को जालियांवाला बाग़ में क़त्ल ए आम हुआ था। सैंकड़ो की तादाद में लोग क़त्ल कर दिये गए […]
9 अप्रैल 1919 को आयोजित रामनवमी की शोभायात्रा का आयोजन एक मुस्लिम डॉ. बशीर द्वारा किया जाना अंग्रेज हुकूमत को बिल्कुल रास न आया। इसी […]
Hafeez Kidwai साल तो यही था 19 ही मगर 1919 और तारीख भी यही थी। कुछ लोग थे जो चाहते थे की उनकी हर साँस […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]