अगर नेहरु की रखी नींव की बात करेंगे तो डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया से बड़ी किताब लिख जाएगी।

 

Hafeez Kidwai

एक इंसान जिसकी ज़िन्दगी पर, उसके रहन सहन पर, उसके अंदाज़ पर हमेशा सवाल किये गए। उसकी बहुत सी खूबियों को दरकिनार करने की कोशिश रही मगर अवाम की अथाह मोहब्बत के आगे ऐसी कोशिश दम तोड़ती रहीं। उसने धीरे धीरे तो कभी तेज़ तेज़ देश को बुना। गुलामी की ज़ंज़ीर तोड़ते ही निर्माण में लगा। अगर उसकी रखी नीव की बात करेंगे तो डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया से बड़ी किताब लिख जाएगी। जिन्हें नही पता, या जो जानना भी नही चाहते या वोह जो अभी कुछ वक़्त पहले अकलमन्द हुए हैं या वो जो अभी अभी देशभक्त हुए हैं उनके लिए उसे बर्दाश्त करना मुश्किल है।

देश को डाकघरों की कतार,बैंको की इमारते, IIT, UGC, संविधान, जल, थल, वायु सेनाओ का निर्माण, अस्पताल, इंडस्ट्री, यूनिवर्सिटी, स्कूल, अनाज, खेती, नहरे सबमें काम किया। सबको गढ़ा,नसबको बुना, दुनिया के सामने सिद्धांत रखे। दुनिया ने देखा सैकड़ो साल से ज़ंज़ीर में कसा देश कैसे एक दम से खड़ा होता है।

वोह हर एक से मुस्कुराता हुआ, दोस्त दुश्मन को गले लगाता हुआ आगे बढ़ता रहा। 17 साल अनवरत काम किया। यह देश की खूबसूरत अवाम थी जिसने अपने निर्माणकर्ता को पलको पर बैठाया। उसे लगातार जिताया। उसे ही अपने बनाने का आधार चुना।

14 नवम्बर को जन्मे जवाहरलाल नेहरू को समझना जितना आसान है उतना ही कठिन। अंग्रेज़ों ने, विपक्षियो ने लगातार नेहरू के चरित्र को निशाना बनाया मगर जनता ने उनको दरकिनार कर नेहरू को चुना। जब हम मुद्दों पर घेर नही पाते तो गिरेहबान में घुसते हैं। मैं नाम भूल रहा पाकिस्तानी लेखक जिसने लिखा था की भारत और पाकिस्तान में सबसे बड़ा फ़र्क़ है की भारत के पास नेहरू थे।

नेहरू के आलोचकों से कोई गिला नही, वोह करें, यह ज़रूरी भी है। मगर समर्थको से, उनकी परम्परा को लादने वालों से शिकवा है की उन्होंने न नेहरू को पढ़ा है और न वोह जानते हैं। वोह नेहरू की लिखी किताबों के नाम भी नही जानते, काम तो बहुत दूर की चीज़ है।

आज जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन है अगर उन्हें महसूस करना है तो उनका लिखा पढ़ना। उनका देखा ख्वाब देखना। उनके इतनी मेहनत करना। उनके इतने साल जूझने को याद रखना। पूरे परिवार का एक साथ जेल में रहने का उदाहरण नेहरू के सिवा कम ही दिखता है। एक बार संघर्ष,निर्माण को पढ़ना। तब देखना की नेहरू क्या थे। आलोचक आलोचना करें तब भी कमसेकम उन्हें पढ़ें तो। समर्थक लहालोट होए मगर समझे तो की नेहरू क्या थे। 14 नवम्बर को निर्माण की या कहें आजकी खड़ी इमारत की नीव का जन्मदिन है। हो सके तो याद कर लीजियेगा।

लेखक #हैशटैग का उपयोग कर लगातार विभिन्न मुद्दों पर लिखते रहे हैं।

teamht http://HeritageTimes.in

Official Desk of Heritage Times Hindi