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गंगा जमुनी तहज़ीब के माथे का झूमर- फिराक़ गोरखपुरी

सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]

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हुई मुद्दत कि गालिब मर गया

  दिल की धड़कन पे मोहब्बत का फसाना लिख दो वस्ल के ऐक ही लम्हे को ज़माना लिख दो लिखना कुछ चाहो अगर नाम के […]

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“हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया”

दिल की धड़कन पे मोहब्बत का फ़साना लिख दो वस्ल के एक ही लम्हे को ज़माना लिख दो लिखना कुछ चाहो अगर नाम के आगे […]