गंगा जमुनी तहज़ीब के माथे का झूमर- फिराक़ गोरखपुरी
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]
जमील मज़हरी का असल नाम सैयद काज़िम अली था। वालिद का नाम ख़ुर्शीद हसनैन था। उनकी पैदाइश सितम्बर 1904 को पटना के मुग़लपूरा में […]
एहसान हसन खां एहसान–इतिहास के पन्नों से बिहार की धरती, सदियों से शिक्षा, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में समृद्ध रही है। यहाँ की मिट्टी […]
ज़फ़र हमीदी का असल नाम मुहम्मद सादउल्लाह हमीदी था। इनका जन्म 26 अगस्त 1926 को बिहार के सीतामढ़ी ज़िला के गड़हौल शरीफ़ में हुआ था। […]
सैयद शाह रशीद उर रहमान का जन्म अप्रैल 1926 को बिहार के जहानाबाद ज़िला के काको में हुआ था, वालिद का नाम सैयद अता उर […]
ग़ुबार भट्टी का असल नाम मुश्ताक़ अहमद था। जिनकी पैदाइश जुलाई 1920 को बाराबंकी में हुई थी। उनके वालिद का नाम मौलाना निसार नूरउल्लाह भट्टी […]
मोईनउद्दीन अहमद की पैदाइश 30 शाबान 1339 हिजरी यानी 1921 को बिहार के अरवल क़स्बे में हुआ था, उस समय अरवल गया ज़िला का हिस्सा […]
जब कभी मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से फ़तुहा स्टेशन आने वाला होता, जहां से उस समय मार्टिन कंपनी की छोटी लाइन इस्लामपुर की जानिब जाती […]
दिल की धड़कन पे मोहब्बत का फ़साना लिख दो वस्ल के एक ही लम्हे को ज़माना लिख दो लिखना कुछ चाहो अगर नाम के आगे […]
Shubhneet Kaushik रैदास कबीर और नामदेव की परंपरा के कवि हैं। वह परंपरा जिसमें सेन, पीपा, धन्ना आदि भी आते हैं। जिनमें कोई दरजी है, […]
माजिद मजाज़ हुस्न, मोहब्बत, इंसानी दोस्ती, अदल-ओ-इंसाफ़ का मसीहा और जुर्रत-ए-इज़हार का दूसरा नाम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़! उर्दू शायरी को फ़ैज़ पर हमेशा नाज़ रहेगा। […]
आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है, दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है प्रसिद्ध भारतीय कवि और गायक प्रदीप द्वारा लिखा […]
8 जनवरी 1846 को बिहार के अज़ीमाबाद में पैदा हुए सैयद अली मोहम्मद को दुनिया आज शाद अज़ीमाबादी के नाम से जानती है। अज़ीमाबाद और […]
अली ज़ाकिर एक ही फ़न तो हमने सीखा है जिससे मिलिए उसे खफा कीजिए हां, मैं अमरोहे का था, भारत का था, भारत का ही […]
मोहम्मद इक़बाल का हजरत निजामुद्दीन औलिया को लेकर गहरा अकीदा था। वे जब भी दिल्ली आए तो हजरत निजामउदीन की दरगाह में अवश्य हाजिरी […]
डॉ कलीम आजिज़ साहेब की हालात ए ज़िन्दगी और गज़ल के संग्रह ‘वो जो शायरी का सबब हुआ’ जब शाए हुई तो आपबीती जगबीती बन […]
भुलक्कड़ कालेलकर दसवीं कक्षा की हिंदी पाठ्य-पुस्तक में काका साहब कालेलकर का कोई निबंध पढ़ना था। इसलिए कायदे से लेखक-परिचय के लिए जगह तो […]
Shubhneet Kaushik आज भूपेन हजारिका (1926-2011) की 92वीं जयंती है। असम के इस प्रसिद्ध गायक ने कभी चाहा था कि ‘मैं ऐसा गायक बनूँ, […]
आलम क़ुरैशी जिगर मुरादाबादी, एक एैसे शायर, जिन्होंने हुस्न को टूटकर चाहा, जी जोड़ मुहब्बत की और जब ख़ुद टूटे, तो इलाजे ग़म के […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]