23 मार्च 1940 को मुस्लिम लीग ने लाहौर में अलग मुल्क पाकिस्तान के लिए रिज़ोलुशन पास कराया तो इसको ले कर मुस्लिम लीग का सबसे पहला मज़बूत विरोध बिहार ने दर्ज करवाया।
बिहार के रहने वाले जंग ए आज़ादी के अज़ीम रहनुमा मौलाना मग़फ़ूर अहमद एजाज़ी ने अप्रील 1940 में मुस्लिम लीग के समानान्तर कुल-हिन्द जमहूर मुस्लिम लीग की बुनियाद डाल कर जिन्ना को ज़ोर का झटका दिया।
#MaghfoorAhmadAjazi actively participated in different activities of freedom movement, opposed Jinnah's two-nation theory & creation of separate Pakistan. He founded All-India #JamhoorMuslimLeague to counter Jinnah's All-India #MuslimLeague.#DrMaghfoorAhmadAjazi pic.twitter.com/FlJuxH0OWb
— Heritage Times (@HeritageTimesIN) September 25, 2018
मुस्लिम लीग के विरोध में मौलाना मग़फ़ूर अहमद एजाज़ी ने महमुदाबाद के नवाब मुहम्मद अमीर अहमद ख़ान के साथ मिल कर कुल-हिन्द जमहूर मुस्लिम लीग क़ायम किया और इसका पहला इजलास मुज़फ़्फ़रपुर बिहार मे हुआ; जिसमे नवाब मुहम्मद अमीर अहमद ख़ान को कुल-हिन्द जमहूर मुस्लिम लीग का अध्यक्ष और मौलाना मग़फ़ूर अहमद एजाज़ी को जेनरल सिक्रेटरी मुंतख़िब किया गया; पर नवाब महमुदाबाद से जिन्ना के ख़ानदानी तालुक़ात थे और वोह वापस उन्ही से जा मिले; पर कुल-हिन्द जमहूर मुस्लिम लीग अपनी आईडियोलॉजी पर क़ायम रही और लगातार मुस्लिम लीग के बटवारे की सियासत का खुल कर विरोध करती रही।
https://www.instagram.com/p/BoKWoYinSQE/?utm_source=ig_share_sheet&igshid=1xqnm89gccbxg
इसके लिए मौलाना मग़फ़ूर अहमद एजाज़ी साहेब ने एक टीम तशकील कर घर घर दस्तक देना शुरु किया ताके लोग मुस्लिम लीग के बहकावे मे नही आ सके। इस दौरान मुस्लिम लीग के लोगों द्वारा उन्हे “ग़द्दार ए क़ौम” के ख़िताब से भी नवाज़ा गया।
बाद में मौलाना मग़फ़ूर अहमद एजाज़ी सहेब ने कुल-हिन्द जमहूर मुस्लिम लीग के एक बड़े धड़े को 1942 के आस पास भारत छोड़ो तहरीक के दौरान कांग्रेस मे विलय कर दिया।