आज लगभग 7 हज़ार ब्रांच, करीब 10 हज़ार एटीएम और 70 हज़ार से अधिक कर्मचारियों के साथ अपनी सेवाएं दे रहा पंजाब नैशनल बैंक 19 मई 1894 को केवल 14 शेयरधारकों और 7 निदेशकों के साथ शुरू किया गया था.
123 साल पुराने इस बैंक की स्थापना से जुड़ी कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है क्युंके जिस एक शख्स ने पंजाब नेशनल बैंक की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई थी, वो हैं भारत के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी लाल-बाल-पाल की तिकड़ी के लाला लाजपत राय.
लाला लाजपत राय इस तथ्य से काफी चिंतित थे कि ब्रिटिश बैंकों और कंपनियों को चलाने के लिए भारतीय पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन इसका मुनाफा अंग्रेज़ उठा रहे थे जबकि भारतीयों को महज कुछ ब्याज मिला करता था.
उनका मानना था :- “भारतीयों की पूंजी का इस्तेमाल अंग्रेजी बैंक चलाने में हो रहा है. उन्हें थोड़े ब्याज से ही संतुष्ट होना पड़ रहा है. भारतीयों का अपना राष्ट्रीय बैंक होना चाहीए”.
उन्होंने आर्य समाज के राय बहादुर मूल राज के साथ एक लेख में अपनी इस भावना का इजहार किया. खुद मूल राज भी लंबे समय से यह विचार रखते थे कि भारतीयों का अपना राष्ट्रीय बैंक होना चाहिए.
राय मूल राज के अनुरोध पर लाला लाजपत राय ने चुनिंदा दोस्तों को एक चिट्ठी भेजी जो स्वदेशी भारतीय ज्वाइंट स्टॉक बैंक की स्थापना में पहला कदम था. इस पर संतोषजनक प्रतिक्रिया मिली.
फौरन ही क़ागजी कार्रवाई शुरू की गई और इंडियन कंपनी एक्ट 1882 के अधिनियम 6 के तहत 19 मई 1894 को पीएनबी की स्थापना हो गई. बैंक का प्रॉस्पेक्टस ट्रिब्यून के साथ ही उर्दू के अख़बार-ए-आम और पैसा अख़बार में प्रकाशित किया गया.
#LalaLajpatRai (28 January 1865 – 17 November 1928) was freedom fighter who played a pivotal role in the Indian Independence movement. He was popularly known as #PunjabKesari.
He was also associated with activities of #PunjabNationalBank #PNB & #LakshmiInsuranceCompany. #LIC pic.twitter.com/T7k9XUKLZ1
— Heritage Times (@HeritageTimesIN) November 17, 2018
23 मई को संस्थापकों ने पीएनबी के पहले अध्यक्ष सरदार दयाल सिंह मजीठिया के लाहौर स्थित निवास पर बैठक की और इस योजना के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया. उन्होंने लाहौर के अनारकली बाज़ार में पोस्ट ऑफिस के सामने और प्रसिद्ध रामा ब्रदर्स स्टोर्स के पास एक घर किराए पर लेने का फ़ैसला किया.
12 अप्रैल 1895 को पंजाब के त्योहार बैसाखी से ठीक एक दिन पहले बैंक को कारोबार के लिए खोल दिया गया. पहली बैठक में ही बैंक के मूल तत्वों को स्पष्ट कर दिया गया था. 14 शेयरधारकों और 7 निदेशकों ने बैंक के शेयरों का बहुत कम हिस्सा लिया.
लाला लाजपत राय, दयाल सिंह मजीठिया, लाला हरकिशन लाल, लाला लालचंद, काली प्रोसन्ना, प्रभु दयाल और लाला ढोलना दास बैंक के शुरुआती दिनों में इसके मैनेजमेंट के साथ सक्रिय तौर पर जुड़े हुए थे.
पंजाब नेशनल बैंक में एक वक्त महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के खाते थे. 13, अप्रैल 1919 में जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ. जनरल डायर ने दिन-दहाड़े 400 से ज़्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया. अंग्रेज सरकार ने जांच के लिए हंटर कमिटी बनाई. लेकिन सब जानते थे कि ये कमिटी सरकार के खिलाफ जाने वाली रिपोर्ट कभी नहीं देगी. तो कांग्रेस ने नरसंहार की जांच के लिए अपनी एक कमिटी बनाई. इस कमिटी का खाता भी पीएनबी में ही था.
साभार : बीबीसी हिन्दी