क़ौमी होली : स्वराज ले लो!
असहयोग और ख़िलाफ़त आंदोलन के समय क़ाज़ी मुहम्मद हक़ साहब ‘क़ाज़ी’ मण्डावरी ने “क़ौमी होली” नाम से एक नज़्म लिखी थी; जिसे बाग़ीयाना मान कर […]
असहयोग और ख़िलाफ़त आंदोलन के समय क़ाज़ी मुहम्मद हक़ साहब ‘क़ाज़ी’ मण्डावरी ने “क़ौमी होली” नाम से एक नज़्म लिखी थी; जिसे बाग़ीयाना मान कर […]
असहयोग और ख़िलाफ़त आंदोलन के दौरान मौलवी वजाहत हुसैन ‘वजाहत’ सिद्दीक़ी की एक नज़्म ‘लम्प और दिया’ जिस पर अंग्रेज़ों ने पाबंदी लगा दिया. […]
भारत की आज़ादी के बाद देश में जो हालात थे, उनसे तो आप सब बख़ूबी वाक़िफ़ होंगे. इस मुश्किल दौर में गाँधी जी 9 सितम्बर, […]
हफ़ीज़ किदवई अर्रे मुझसे छुप क्यों रहे हो, मेरे करीब आओ, मेरे पास बैठो। तुमने मुझे गोली मारी, मुझे ज़रा भी दुःख नही। तुम मुझसे […]
अफ़रोज़ आलम साहिल महात्मा गांधी दक्षिण अफ़्रीक़ा से भारत लौटने के बाद जिस शख़्स के कारण बिहार में टिके और आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]