इतिहासकार और भगत सिंह के शिक्षक: जयचंद्र विद्यालंकार
Shubhneet Kaushik खुद क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े रहे और ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के सदस्य रहे जयचंद्र विद्यालंकार लाहौर के नेशनल कॉलेज में भगत सिंह और […]
Shubhneet Kaushik खुद क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े रहे और ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के सदस्य रहे जयचंद्र विद्यालंकार लाहौर के नेशनल कॉलेज में भगत सिंह और […]
Md Umar Ashraf 13 अप्रील 1894 को बिहार के शेख़पुरा में पैदा हुए हकीम मुहम्मद कबीरउद्दीन साहेब का शुमार हिन्दुस्तान के उन चुनिंदा हकीमों में […]
भारत के महान आणविक जीव वैज्ञानिक ओबैद सिद्दीक़ी का जन्म वर्ष 1932 में 7 जनवरी को उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िला में हुआ था। उन्होंने […]
जाने-माने इतिहासकार और जामिया के पूर्व वाइस-चांसलर पद्मश्री मुशीरुल हसन का 69 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 15 अगस्त 1949 को जन्मे […]
15 अगस्त 1917 को अंजुमन इस्लामिया की स्थापना होने के कुछ दिनों बाद रांची में शिक्षा का दीप जलाने के लिए मदरसा इस्लामिया की […]
जैसा की आप जानते ही होंगे की गूगल कुछ खास मौक़ो पर ही अपना डूडल जारी करता है। पिछले साल 1 नवम्बर 2017 को […]
वो जुमा का दिन था, 29 अक्तुबर 1920, जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया के क़याम का ऐलान हुआ था। अलीगढ़ कॉलेज की मस्जिद मे जोश से […]
मुहम्मद शाहीण तहरीक ए ख़िलाफ़त और असहयोग तहरीक के समय सरकारी एदारे का विरोध हुआ तब सरफ़रोशों की तालीम के लिए अलीगढ़ (बाद […]
सदी के महान शिक्षाविद डॉ ज़ाकिर हुसैन ने कभी कहा था :- ‘हमारे देश को गर्म खून नहीं चाहिए जो हमारी गर्दन से रिसे, बल्कि […]
पटना युनिवर्सिटी बिल को लेकर 1916 के 1917 के बीच लम्बी जद्दोजेहद हुई। 1916 में कांग्रेस के लखनऊ सेशन में पटना युनिवर्सिटी बिल को ले कर बात हुई. इंपीरियल विधान परिषद मे 5 सितम्बर 1917 को इस बिल को पेश किया गया जिसमे वहां मौजुद लोगों से राय मांगी गई, 12 सितम्बर 1917 को इस बिल पर चर्चा हुई और मौलाना मज़हरुल हक़ द्वारा दिए गए समर्थन के कारण 23 सितम्बर 1917 को इस बिल को पास कर दिया गया।
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]