Bihar Education

कर्ज़न रीडिंग रूम : ख़ान बहादुर ख़ुदाबख़्श ख़ान की आख़री निशानी

    हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]

Bihar Education

दंगाइयों द्वारा बिहार के मदरसा अज़ीज़िया के जलाये जाने का मतलब..!

  बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]

Bihar हिन्दी

बंगाल से बिहार का पृथक्करण : सच क्या झूठ क्या

  आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]

Education Opinion

आधुनिक भारत में शिक्षा, विदेश-यात्रा और जाति-बिरादरी

  19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]

Bihar Leader

सच्चिदानंद सिन्हा : एक जन्मजात चक्रवर्ती

दसवीं की हिंदी की किताब में जगदीश चंद्र माथुर का एक पाठ पढ़ना होता था। शीर्षक था-‘एक जन्मजात चक्रवर्ती’। इस शीर्षक से किसी को एतराज […]

Bihar Freedom Movement

भारत की जंग ए आज़ादी में मुहर्रम का योगदान

  इस साल मुहर्रम और अगस्त का महीना एक साथ पड़ा है। एक तरफ़ जहां भारत की आज़ादी का जशन मनाया जा रहा, वहीं दूसरी […]

Bihar Freedom Fighter Freedom Movement

अली अशरफ़ उर्फ़ ज्ञान चंद, भारत का एक एक इंक़लाबी रहनुमा

  1918 में अली अशरफ़ की पैदाइश जिस वक़्त हुई, उस वक़्त रूस में क्रांति हो चुकी थी, और उसका असर दुनिया में दिखने लगा […]

Bihar Freedom Fighter Freedom Movement Poet Urdu

अल्लामा जमील मज़हरी – एक अज़ीम फ़नकार जिसे अंग्रेज़ों ने जेल की सलाख़ों के पीछे रखा।

  जमील मज़हरी का असल नाम सैयद काज़िम अली था। वालिद का नाम ख़ुर्शीद हसनैन था। उनकी पैदाइश सितम्बर 1904 को पटना के मुग़लपूरा में […]

Bihar Freedom Movement हिन्दी

पटना की हिंदी पत्रकारिता में पाटलिपुत्र का योगदान

  बांकीपुर में संपन्न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 27 वें अधिवेशन ने बिहार के राजनैतिक जीवन में उथल-पुथल मचा दी और बिहार का बंगाल से […]

Bihar Writer हिन्दी

हिन्दी के निर्माण में बिहार बन्धु प्रेस का योगदान

  सन् 1846 ईस्वी के पूर्व बिहार में कहीं भी मुद्रणालय की नींव नहीं पड़ी थी। बैप्टिस्ट मिशन के अधिकारियों ने उत्तर-बिहार के अंचलों में […]

Bihar Poet

एहसान अज़ीमाबादी ~ बिहार का एक गुमनाम शायर

एहसान हसन खां एहसान–इतिहास के पन्नों से बिहार की धरती, सदियों से शिक्षा, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में समृद्ध रही है। यहाँ की मिट्टी […]

Bihar Medicine Poet

ज़फ़र हमीदी, एक हाफ़िज़ जो इंग्लैंड में मेडिकल पढ़ाई के दौरान शायर बन गया

ज़फ़र हमीदी का असल नाम मुहम्मद सादउल्लाह हमीदी था। इनका जन्म 26 अगस्त 1926 को बिहार के सीतामढ़ी ज़िला के गड़हौल शरीफ़ में हुआ था। […]

Bihar Education

प्रोफ़ेसर असलम आज़ाद ~ महद से लहद तक

  असलम आज़ाद का जन्म बिहार के सीतामढ़ी ज़िला के मौलानगर में 12 दिसंबर 1946 को हुआ था। वालिद का नाम मुहम्मद अब्बास था। शुरुआती […]

Bihar Historical Event

जब पटना में हुई जातीय जनगणना!

  ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1815 से अपने आधिपत्य के प्रदेशों की विस्तृत जानकारी के लिए गज़ेटियर की एक श्रृंखला का प्रकाशन शुरू किया था। […]

Bihar Freedom Fighter Freedom Movement

फ़ज़लुर रहमान, मज़दूरों की लड़ाई लड़ने वाला भारत का एक महान स्वतंत्रता सेनानी

फ़ज़लुर रहमान का जन्म 1918 में बिहार के चम्पारण ज़िला के बेतिया के कंधवलिया गाँव में हुआ था। वालिद का नाम मुहम्मद यासीन था। शुरुआती […]

Bihar Education

प्रोफ़ेसर क़ासिम अहसन वारसी, शिक्षा के लिए जीवन वक़्फ़ कर देने वाला इंसान

प्रोफ़ेसर क़ासिम अहसन वारसी की पैदाइश बिहार के अरवल ज़िला के इमामगंज में 10 नवम्बर 1933 को हुआ था। वालिद का नाम शाह मुहम्मद ज़की […]

Bihar Poet

अरशद काकवी, सहते रहे हैं ज़ुल्म हम अहल-ए-ज़मीन के ~ इल्ज़ाम आसमान पे धरते रहे हैं हम

सैयद शाह रशीद उर रहमान का जन्म अप्रैल 1926 को बिहार के जहानाबाद ज़िला के काको में हुआ था, वालिद का नाम सैयद अता उर […]

Heritage

पीर शाह नाफ़ा, जिनका मुंगेर शहर की पहचान में बड़ा दख़ल है।

गंगा किनारे बसा हुआ बिहार का तारीख़ी शहर मुंगेर कई कारणों से अहम है। शहर के किनारे पर क़िला है, क़िला के दक्षिण दरवाज़े से […]

Bihar

अहमद हुसैन : एक शिक्षक जो माँ कि ख़्वाहिश पूरा करने के लिए बने कलेक्टर

अहमद हुसैन की पैदाइश 1886 को पटना ज़िला के नेवरा में हुई थी। शुरुआती तालीम घर पर हासिल की। अपने वालिद मौलवी अमजद हुसैन से […]

Bihar Education

डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन, 20वीं सदी का सबसे बड़ा नायक

1926 के दौर में जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया बंद होने के हालात पर पहुँच गई तो ज़ाकिर हुसैन ने कहा “मैं और मेरे कुछ साथी जामिया की ख़िदमत के लिए अपनी ज़िन्दगी वक़्फ़ करने के लिए तैयार हैं. हमारे आने तक जामिया को बंद न होने दिया जाए.” जबकि उस वक़्त वो जर्मनी में पीएचडी कर रहे थे।