भारत का वो अज़ीम मौलाना जिसकी आवाज़ मग़रिब से लेकर मशरिक़ तक ने सुनी!
हिन्दुस्तान की सरज़मीं पर बड़े बड़े उल्मा पैदा हुए, लेकिन उनका नाम दीनदारों के तबक़े तक महदूद रहा, बड़े बड़े शेख़ पैदा हुए लेकिन उनका […]
हिन्दुस्तान की सरज़मीं पर बड़े बड़े उल्मा पैदा हुए, लेकिन उनका नाम दीनदारों के तबक़े तक महदूद रहा, बड़े बड़े शेख़ पैदा हुए लेकिन उनका […]
26 नवम्बर 1938 को हिन्दुस्तान की जंग ए आज़ादी के अज़ीम रहनुमा मौलाना शौकत अली का इंतक़ाल मरहूम मौलाना मुहम्मद अली जौहर की बेगम […]
पिछले दिनो दिल्ली के जामा मस्जिद के पास मौजूद मौलाना आज़ाद के मज़ार पर हाज़री देने का मौक़ा मिला। वहीं पर एक साहब ने […]
2 दिस्मबर 1932 को अपने लेख में मौलाना शौकत अली को New York Times ने हिन्दुस्तान के 7 करोड़ मुसलमानो का लीडर कहा था!
मौलाना मोहम्मद अली जौहर 10 दिसम्बर, 1878 को रामपुर में एक महान मां के घर पैदा हुए जो पुरे हिन्दुस्तान में बी अम्मा के नाम […]
जंग ए आज़ादी के क़द्दावर नेता और इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदर रहे “मौलाना मोहम्मद अली जौहर” ने जो मुक़ाम हासिल किया था, उसमें तीन […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]