बेगम किचलू, एक महान स्वतंत्रता संग्राम की सेनानी जिन्होंने इस दुनिया को बग़ैर दवा इलाज का छोड़ा!
सआदत बानो की पैदाइश 1893 में अमृतसर में हुई थी, और 1915 में सैफुद्दीन किचलू से उनका निकाह हुआ था। सआदत बानो स्वराज आश्रम की […]
सआदत बानो की पैदाइश 1893 में अमृतसर में हुई थी, और 1915 में सैफुद्दीन किचलू से उनका निकाह हुआ था। सआदत बानो स्वराज आश्रम की […]
ये कहा जाता है की अगर निशात उन निशा, ज़ुलैख़ा, और कमला नेहरू नहीं होती, तो मुमकिन था हसरत किसी अख़बार के एडिटर होते, मौलाना […]
जान से, बदन से, ख़ून से हिन्दुस्तां के हैं हम ! हैरत है, क्यों नहीं है हिन्दुस्तां हमारा !! ये शेर उस औरत कि दिल […]
आप अजनबी हैं, नही तो ऐसा सवाल नही करते, ये सब झूठी कहानियाँ हैं, ये कहानियाँ भड़काने के लिए फैलाई जाती हैं, नफ़रत तो पहले से भी कम नही, ये बात बिलकुल सही है कि अंग्रेज़ बच्चों और औरतों का ख़ून बहाया गया है लेकिन किसी की आबरु पर हमला नही किया गया, ये हमारी तहज़ीब और रस्म व रिवाज के ख़िलाफ़ है, हिंदुस्तान से लेकर लंदन तक की अख़बारों में जो ये ख़बरें हैं; ये सब बे बुनियाद हैं!
दुनिया में बहुत सारे कैलेंडर, लगभग हर क़ौम और हर बड़े मज़हब का अपना अपना कैलेंडर है, मुसलमानों का अपना कैलेंडर है जिसे हिजरी कैलेंडर […]
हिन्दुस्तान की सरज़मीं पर बड़े बड़े उल्मा पैदा हुए, लेकिन उनका नाम दीनदारों के तबक़े तक महदूद रहा, बड़े बड़े शेख़ पैदा हुए लेकिन उनका […]
17 अक्तुबर 1858 को बाहदुर शाह ज़फर मकेंजी नाम के समुंद्री जहाज़ से शाही ख़ानदान के 35 लोग के साथ रंगून पहुंचा दिए गये। […]
जब तक ख़िलाफ़त मूव्मेंट और असहयोग आंदोलन चलता रहा देश में हिंदू मुस्लिम एकता के नारे लगते रहे; लेकिन जैसे ही ये दोनो तहरीक […]
अजमेर मे नात का मुशायरा था, लिस्ट बनाने वालों के सामने मुशकिल ये थी के “जिगर मुरादाबादी” साहब को इस मुशायरा मे कैसे बुलाया जाए […]
कवि नज़रुल इस्लाम, जिन्हें विद्रोही कवि भी कहा जाता है! बचपन में जब नज़रुल इस्लाम एक मस्जिद में अज़ान देते थे तो शायद ही किसी […]
20वीं सदी के अज़ीम लीडर, बेबाक मुबल्लिग़, दानिश्वर, मुफ़क्किर क़ुरान और बहुत बड़े स्कॉलर जिन्होंने एशिया और यूरोप की यूनिवर्सिटी में अपने रिकॉर्ड क़ायम करके […]
मौलाना अहमद शाह शहीद एक ऐसा नाम है, जिसके जौहर का चिना पत्तम, देहली, आगरा, अवध, रोहिल खण्ड की सर ज़मीन गवाह है। अगर […]
शाह जी का नानिहाल पटना था, पटना में ही उनकी विलादत 23 सितम्बर 1892 को हुई, चार साल के थे तो माँ का साया सर […]
मौलाना अगर सिर्फ़ सियासतदां होते तो शायद हालात से समझौता कर लेते; लेकिन वो ज़िन्दा दिल और अहसासात के मालिक थे, वो ग़ुलाम मुल्क में […]
एक रोज़ अपने ख़ैमे में लेटा था कि, केक बेचने वाले की आवाज़ सुनाई दी, गोश्त खा खा कर तबियत भर चुका था, इसलिए उसे […]
10 मार्च 1872 को पंजाब के सियालकोट में एक सिख घराने मे एक लड़के ने जन्म लिया, बाप लड़के के पैदा होने से पहले ही […]
बुलंदशहर में काला आम नाम का चौराहा जंग ए आज़ादी का मुख्य गवाह है, शहर के इस चौराहे ने अंग्रेज़ो के बहुत ज़ुल्म झेले हैं। […]
18वीं सदी की शुरुआत में मुल्क कंधार से असम तक तो नेपाल से मालाबार तक फैला हुआ था, लेकिन औरंगज़ेब के वफ़ात के बाद मुल्क […]
हिन्द – पाक का एक गुमनाम हीरो डाक्टर मुहम्मद इक़बाल शैदाई एक एैसी शख़्सयत का नाम है जिसने अपनी ज़िंदगी अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ लड़ने […]
जंग ए आज़ादी के क़द्दावर नेता और इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदर रहे “मौलाना मोहम्मद अली जौहर” ने जो मुक़ाम हासिल किया था, उसमें तीन […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]