बेगम अज़ीज़ा फ़ातिमा इमाम – जिन्हें सियासत विरासत में मिली
बेगम अज़ीज़ा फ़ातिमा इमाम का जन्म 20 फ़रवरी 1924 को पटना में हुआ था। उन्हें अज़ीज़ा इमाम के नाम से ही जाना गया। उनके वालिद […]
बेगम अज़ीज़ा फ़ातिमा इमाम का जन्म 20 फ़रवरी 1924 को पटना में हुआ था। उन्हें अज़ीज़ा इमाम के नाम से ही जाना गया। उनके वालिद […]
सैयद हसन इमाम का जन्म 31 अगस्त, 1871 को पटना ज़िला के नेउरा गांव में हुआ। आपके वालिद का नाम सैय्यद इमदाद इमाम था और […]
22 मार्च को हर साल बिहार दिवस मनाया जाता है, बिहार के अलग राज्य के रूप में स्थापित होने की ख़ुशी में। बिहार राज्य […]
मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन उन चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होने अपने परिवार के विरुद्ध जा कर अंग्रेज़ों की मुख़ालफ़त की, मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन की पैदाइश सन […]
पटना हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस रह चुके सैयद जाफ़र इमाम का जन्म 18 अप्रैल 1900 को पटना ज़िला के नेउरा गांव में हुआ। सैयद जाफ़र […]
बिहार की प्रशासनिक पहचान का विलोप 1765 में हो गया जब ईस्ट इंडिया कम्पनी को दीवानी मिली. उसके बाद यह महज एक भौगोलिक इकाई […]
बंगाल से बिहार को अलग किये जाने की घटना को ‘बिहार की जनता की जीत’ एवं ‘हिंदू-मुस्लिम एकता’ के रूप में देखा जा रहा […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]