कर्ज़न रीडिंग रूम : ख़ान बहादुर ख़ुदाबख़्श ख़ान की आख़री निशानी
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
1918 में अली अशरफ़ की पैदाइश जिस वक़्त हुई, उस वक़्त रूस में क्रांति हो चुकी थी, और उसका असर दुनिया में दिखने लगा […]
जमील मज़हरी का असल नाम सैयद काज़िम अली था। वालिद का नाम ख़ुर्शीद हसनैन था। उनकी पैदाइश सितम्बर 1904 को पटना के मुग़लपूरा में […]
बांकीपुर में संपन्न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 27 वें अधिवेशन ने बिहार के राजनैतिक जीवन में उथल-पुथल मचा दी और बिहार का बंगाल से […]
सन् 1846 ईस्वी के पूर्व बिहार में कहीं भी मुद्रणालय की नींव नहीं पड़ी थी। बैप्टिस्ट मिशन के अधिकारियों ने उत्तर-बिहार के अंचलों में […]
ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1815 से अपने आधिपत्य के प्रदेशों की विस्तृत जानकारी के लिए गज़ेटियर की एक श्रृंखला का प्रकाशन शुरू किया था। […]
भारत में पहला सरकारी यूनानी कॉलेज पटना में एक लम्बे आंदोलन के बाद गवर्न्मेंट तिब्बी कॉलेज, पटना के रूप में 29 जुलाई 1926 को खुला। […]
अहमद हुसैन की पैदाइश 1886 को पटना ज़िला के नेवरा में हुई थी। शुरुआती तालीम घर पर हासिल की। अपने वालिद मौलवी अमजद हुसैन से […]
बिहार के पटना के पास मौजूद सबलपुर के इस क़ब्र के बारे में वहाँ के लोग भी बहुत कम जानते हैं। ये क़ब्र अल्लाह जिलाई […]
मोईनउद्दीन अहमद की पैदाइश 30 शाबान 1339 हिजरी यानी 1921 को बिहार के अरवल क़स्बे में हुआ था, उस समय अरवल गया ज़िला का हिस्सा […]
वो दौर 1930 का था जब बेगम हसन इमाम अपने शौहर के कंधे से कंधा मिला कर अंग्रेज़ो की मुख़ाल्फ़त कर रही थीं और इनका […]
14 अगस्त 1942 को पटना शहर पर पुरी तरह से ब्रिटिश और अमेरिकन फौजियों का कब्ज़ा हो गया. आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों ने शहर […]
मुस्लिम लीग द्वारा भारत छोड़ आंदोलन का विरोध किया गया था। अंग्रेज़ों को लगा के मुसलमान इस आंदोलन से अलग रहेंगे; पर गांधी जी […]
बंबई से बिहार के प्रतिनिधियों के पहुंचने से पहले ही 9 अगस्त 1942 की सुबह ही सदाक़त आश्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों की गिरफ़्तारी […]
Shubhneet Kaushik मध्यकालीन भारत के दिग्गज इतिहासकार सर यदुनाथ सरकार ने मौलवी ख़ुदा बख़्श (1842-1908) को ‘इस्लामिक अध्ययन के संदर्भ-ग्रंथों का सबसे जानकार हिंदुस्तानी विद्वान’ […]
पटना का तिब्बी कॉलेज भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पहला सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज है. 29 जुलाई 1926 को गवर्मेंट तिब्बी कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना […]
जब कभी मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से फ़तुहा स्टेशन आने वाला होता, जहां से उस समय मार्टिन कंपनी की छोटी लाइन इस्लामपुर की जानिब जाती […]
द्वारका हाई स्कूल, मुज़फ़्फ़रपुर में सोहैल अज़ीमाबादी ने 9वीं में दख़ला करवाया गया, वहीं से 1930 में उन्होंने मैट्रिक का एग्ज़ाम दिया, पर मैथ […]
मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन उन चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होने अपने परिवार के विरुद्ध जा कर अंग्रेज़ों की मुख़ालफ़त की, मौलवी ख़ुर्शीद हसनैन की पैदाइश सन […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]