1857 सुना तो है मगर जानते भी हैं क्या इसे ?
हफ़ीज़ किदवई कोई कहता है की यह प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था तो कोई कहता है की यह जन संघर्ष की मिसाल है. कोई कहता यह […]
हफ़ीज़ किदवई कोई कहता है की यह प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था तो कोई कहता है की यह जन संघर्ष की मिसाल है. कोई कहता यह […]
आप अजनबी हैं, नही तो ऐसा सवाल नही करते, ये सब झूठी कहानियाँ हैं, ये कहानियाँ भड़काने के लिए फैलाई जाती हैं, नफ़रत तो पहले से भी कम नही, ये बात बिलकुल सही है कि अंग्रेज़ बच्चों और औरतों का ख़ून बहाया गया है लेकिन किसी की आबरु पर हमला नही किया गया, ये हमारी तहज़ीब और रस्म व रिवाज के ख़िलाफ़ है, हिंदुस्तान से लेकर लंदन तक की अख़बारों में जो ये ख़बरें हैं; ये सब बे बुनियाद हैं!
Md Umar Ashraf आजके रोज़ ही 1919 को जालियांवाला बाग़ में क़त्ल ए आम हुआ था। सैंकड़ो की तादाद में लोग क़त्ल कर दिये गए […]
9 अप्रैल 1919 को आयोजित रामनवमी की शोभायात्रा का आयोजन एक मुस्लिम डॉ. बशीर द्वारा किया जाना अंग्रेज हुकूमत को बिल्कुल रास न आया। इसी […]
Hafeez Kidwai साल तो यही था 19 ही मगर 1919 और तारीख भी यही थी। कुछ लोग थे जो चाहते थे की उनकी हर साँस […]
हफ़ीज़ किदवई कुछ तारीख़ें सिर्फ़ तारीख़ भर नही होती बल्कि पूरे एक ज़माने का ढलना होती है। आज वही 7 अप्रैल है। जब अवध की […]
क़ाज़ी ज़ुल्फ़ीक़ार अली बिहार के जहानाबाद ज़िला के क़ाज़ी दौलतपुर के रहने वाले थे। जो बाबू कुंवर सिंह के सबसे क़रीबी साथियों में से […]
Md Umar Ashraf सभी को याद होगा कि 16 दिसंबर, 2012 को जब दिल्ली में निर्भया का बलात्कार कर उसके गुप्तांग में लोहे की सलाख़ […]
Shubhneet Kaushik “खुली छत पर एक व्यक्ति चटाई पर उघारे बदन पालथी लगाए अकेले बैठा हम लोगों की प्रतीक्षा कर रहा था। सांवला रंग, गठा […]
शाह आलम आज़ादी की तारीख कही जाने वाली 15 अगस्त, 1947 को 71 साल बीत जाने के बाद भी अवसरवादी ताक़तें आज़ादी के दीवाने […]
Md Umar Ashraf 23 फ़रवरी 1881 को पंजाब के जालंधर ज़िले में एक छोटे से गाँव खटकरकलां के एक सिख घराने मे पैदा हुए सरदार […]
निशा डागर अगर बात करे भारतीय स्वतंत्रता की क्रांति और उन क्रांतिकारियों की जिनकी वजह से देश को आजादी मिली तो इतिहास की रेत में […]
महताब अली पीरज़ादा सिलसिला आलिया रहीमियां रायपुर के बानी मखदूमुल उलेमा, मुर्शद रब्बानी, कुतुबे आलम हज़रत अक़दस मौलाना शाह अब्दुल रहीम रायपुरी कुददुस्सरह हैं ! […]
Shubhneet Kaushik कल जब हम नेताजी सुभाषचंद्र बोस को उनकी जयंती पर याद करें, तो हमें शिशिर कुमार बोस और उनके द्वारा स्थापित ‘नेताजी रिसर्च […]
विक्रम सिंह डाला जिन्हें अपनों ने ही ठुकराया प्रायः ऐसा कहा जाता है कि मुसीबत में अपनी छाया भी साथ छोड़ देती है। क्रांतिकारियों के […]
हिन्दुस्तान की सरज़मीं पर बड़े बड़े उल्मा पैदा हुए, लेकिन उनका नाम दीनदारों के तबक़े तक महदूद रहा, बड़े बड़े शेख़ पैदा हुए लेकिन उनका […]
राजीव शर्मा वह दौर 1947 का था जब भारत को आजादी की सौगात के साथ बंटवारे का जख्म भी मिला। पाकिस्तान से कई लोग […]
‘शब्बीर हसन जोश’ या ‘जोश मलीहाबादी’ को शायर-ए-इंक़लाब भी कहा जाता है. तरक़्क़ीपसंद तहरीक और मार्क्सवाद से प्रभावित जोश ने न सिर्फ़ अपने नाम के […]
26 नवम्बर 1938 को हिन्दुस्तान की जंग ए आज़ादी के अज़ीम रहनुमा मौलाना शौकत अली का इंतक़ाल मरहूम मौलाना मुहम्मद अली जौहर की बेगम […]
अपने साहस और बहादुरी से अंग्रेजों के हौंसले पस्त करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे मे अधिकतर लोग जानते हैं, पर उनके विश्वास […]
हाल के दिनो में पटना में एक एलिवेटेड रोड के लिए ऐतिहासिक ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी के कर्ज़न रीडिंग रूम को तोड़ने के प्रस्ताव […]
पुर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद अपने पिता बिहार विधानसभा के पुर्व उपसभापति शकूर अहमद के साथ कहीं जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक […]
1934 से 1937 तक बिहार के शिक्षा मंत्री रहे सैयद अब्दुल अज़ीज़ पटना में अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करने के लिए बड़ेमशहूर थे। […]
बिहार शरीफ़ के सबसे पुराने मदरसे मदरसा अज़ीज़िया को पूरी तरह जला कर ख़ाक कर दिया जाना इस लिए भी बहुत अफ़सोसनाक है, क्यूँकि […]
आधुनिक भारत ही की भांति आधुनिक बिहार के इतिहास पर भी अगर गौर करें तो कहना पड़ेगा कि आधुनिकता और राष्ट्रवाद की प्रगति के […]
सरज़मीन-ए-हिन्द पे अक़वाम-ए-आलम के फिराक़ क़ाफ़िले आते गये हिन्दोस्तां बनता गया फिराक़ गोरखपुरी अपने इस शेर में हिंदुस्तान की हज़ारों बरस पुरानी गंगा जमुनी तहज़ीब […]
19वीं शताब्दी का भारत नवजागरण का है। इस नवजागरण में विदेशी शिक्षा का प्रमुख हाथ था। इसलिए उन दिनों विलायत जाने वालों को लेकर […]
Shubhneet Kaushik जनवरी 1941 में सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार की आँखों में धूल झोंककर नज़रबंदी से फ़रार हुए। अंग्रेज़ी राज की नज़रों से बचाकर […]
रौशनी जिसकी किसी और के काम आ जाए! एक दिया ऐसा भी रस्ते में जला कर रखना! (अतश अज़ीमाबादी) ख़्वाजा सैयद रियाज़ उद दीन अतश […]